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राम भजन लिरिक्स

Baje baje re shahnayi janak nagri,बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी,ram bhajan

बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी

बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी, बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी, बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।



आज आई रे बारात जनक नगरी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।



कहा बिठाऊं दुल्हा राम और लक्ष्मण। कहा बिठाऊं दशरथ समधी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।



मण्डप बिठाऊं राम और लक्ष्मण। शिंघासन बिठाऊं दशरथ समधी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।



क्या खिलाऊं दुल्हा राम और लक्ष्मण। क्या खिलाऊं दशरथ समधी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।

मेवा मिठाई दुल्हा राम और लक्ष्मण। पूड़ी खीर दशरथ समधी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।



क्या कुछ दिऊ दुल्हा राम और लक्ष्मण। क्या देऊ दशरथ समधी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।



सीता उर्मिला दुल्हा राम और लक्ष्मण। अन धन देऊ दशरथ समधी। बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी ।बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।

बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी, बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी, बाजे बाजे रे शहनाई जनक नगरी।

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