एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी। जैसे एक दूसरे से मिलकर हो गए चांद चकोरी। कान्हा मुरली की तान सुनावे तो सुर राधा बन जावे। श्याम उसी को मिलते हैं जो राधे-राधे गाए। गुलाल लगावे राधा के कान्हा खेले जब होली।एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी। जैसे एक दूसरे से मिलकर हो गए चांद चकोरी।एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी।
कितने सुंदर में तुम्हारे औ वृषभान दुलारी। इन नैनन में खो गए जैसे मेरे बांके बिहारी।कितने सुंदर में तुम्हारे औ वृषभान दुलारी। इन नैनन में खो गए जैसे मेरे बांके बिहारी। इस जग को प्रेम से बांधे हैं इनके प्रीत की डोरी।एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी।एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी। जैसे एक दूसरे से मिलकर हो गए चांद चकोरी।एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी।
भाव बिना बाजार में वस्तु मिले ना मोल। तो भाव बिना हरि कैसे मिले जो है अनमोल।भाव बिना बाजार में वस्तु मिले ना मोल। तो भाव बिना हरि कैसे मिले जो है अनमोल। अनमोल जगत का नाम है राधे कृष्ण की जोड़ी।एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी।एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी। जैसे एक दूसरे से मिलकर हो गए चांद चकोरी।एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी।
एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी। जैसे एक दूसरे से मिलकर हो गए चांद चकोरी। कान्हा मुरली की तान सुनावे तो सुर राधा बन जावे। श्याम उसी को मिलते हैं जो राधे-राधे गाए। गुलाल लगावे राधा के कान्हा खेले जब होली।एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी। जैसे एक दूसरे से मिलकर हो गए चांद चकोरी।एक तरफ सांवले से कान्हा दूजी राधिका गोरी।