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राम भजन लिरिक्स

Shabri ke bairon me tha Prem by roshan prince ,शबरी के बैरों में था प्रेम प्रेम की डोर बंधे भगवान,ram bhajan

शबरी के बैरों में था प्रेम प्रेम की डोर बंधे भगवान,

शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान।शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान। भाव के भूखे मेरे राम, तभी तो लगे जूठे बेर भी खान।शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान।

मन में आनंद प्रभु आएंगे घर मेरे भी। रूखी सूखी जो भी है खाएंगे घर मेरे भी।मन में आनंद प्रभु आएंगे घर मेरे भी। रूखी सूखी जो भी है खाएंगे घर मेरे भी। विनती करूं मैं बारंबार प्रभु जी मेरा रख लेंगे सम्मान।शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान।शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान।

जिसने भगवन को चाहा, भगवन जी उनको चाहे। उंगली पकड़ तो सही, वह लेंगे थाम बाहें।जिसने भगवन को चाहा, भगवन जी उनको चाहे। उंगली पकड़ तो सही, वह लेंगे थाम बाहें। अपने भक्तों में प्रभु राम, राम जी और भक्त एक समान।शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान।शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान।

उनके लिए तो रोशन छोटा बड़ा ना कोई। उनका सहारा है तो काम अडा न कोई।उनके लिए तो रोशन छोटा बड़ा ना कोई। उनका सहारा है तो काम अडा न कोई। टूटना चाहिए ना विश्वास ,समझ ना पाता है इंसान।शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान।शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान।

शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान।शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान। भाव के भूखे मेरे राम, तभी तो लगे जूठे बेर भी खान।शबरी के बैरों में था प्रेम, प्रेम की डोर बंधे भगवान।

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