अवध नगरी अब तो सोने री भई।अवध नगरी,अब तो सोने री भई।दशरथ नगरी,अब तो सोने री भई।
राजा दसरथ घर राम जन्मिया,राजा दसरथ घर राम जन्मिया,लंका में खबर गई।
अवध नगरी,अब तो सोने री भई।दशरथ नगरी,अब तो सोने री भई।
नव सौ नदियां उबकण लगी,
चरण पखार रही।अवध नगरी,अब तो सोने री भई।दशरथ नगरी,अब तो सोने री भई।
पाट पीतांबर दासियां ने दिना,
पाट पीतांबर दासियां ने दिना,
विप्रा ने गांव सही।अवध नगरी,अब तो सोने री भई।दशरथ नगरी,अब तो सोने री भई।
राजा दसरथ घर बाजा बाजे,
लंका तो धुज रही।अवध नगरी,अब तो सोने री भई।दशरथ नगरी,अब तो सोने री भई।
राजा दसरथ घर मढियो पालणो,राजा दसरथ घर मढियो पालणो,हिरा मोती सु जड़ी।अवध नगरी,अब तो सोने री भई।दशरथ नगरी,अब तो सोने री भई।
मृदंग ताल पखावत बाजे।मृदंग ताल पखावत बाजे।नौबत बाज रही।अवध नगरी,अब तो सोने री भई।दशरथ नगरी,अब तो सोने री भई।
तुलसीदास प्रभु तुम्हारे भजन में।तुलसीदास प्रभु तुम्हारे भजन में। घर-घर आनंद भई।अवध नगरी,अब तो सोने री भई।दशरथ नगरी,अब तो सोने री भई।
अवध नगरी,अब तो सोने री भई।दशरथ नगरी,अब तो सोने री भई।अवध नगरी,अब तो सोने री भई।दशरथ नगरी,अब तो सोने री भई।