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राम भजन लिरिक्स

Nanhe Nanhe Ghungroo Ram Ke,नन्हे नन्हे घुंघरू और पांव में पायलिया है पांव में पायलिया है,ram bhajan

नन्हे नन्हे घुंघरू और पांव में पायलिया है, पांव में पायलिया है।

नन्हे नन्हे घुंघरू और पांव में पायलिया है, पांव में पायलिया है। श्री राम के बाल रूप ने सबका ही मन मोह लिया है, सबका ही मन मोह लिया है।नन्हे नन्हे घुंघरू और पांव में पायलिया है, पांव में पायलिया है।

ठुमक ठुमक पग रखते हैं, वह बाज रही है पैजानिया।वह बाज रही है पैजानिया। हंसते हैं तो फूल बरसते, बोले जैसे कोयलिया।बोले जैसे कोयलिया। देख देख दशरथ हरसाय प्रसन्न मां कौशल्या है।नन्हे नन्हे घुंघरू और पांव में पायलिया है, पांव में पायलिया है।

गिरते हैं कभी उठते हैं, यह कैसी लीला न्यारी है।यह कैसी लीला न्यारी है। कौन संभाले इनको, जग के खुद ही पालनहारी है।जग के खुद ही पालनहारी है। सांवली सूरत मोहनी मूरत ऐसा रूप छबीला है।नन्हे नन्हे घुंघरू और पांव में पायलिया है, पांव में पायलिया है।

दशरथ के आंगन में करते, देवता पुष्पों की वर्षा।देवता पुष्पों की वर्षा। बाल रूप को देखन खातिर, भोले का भी मन तरसा।भोले का भी मन तरसा। श्री राम से मिलने को योगी का भेष बना लिया है।नन्हे नन्हे घुंघरू और पांव में पायलिया है, पांव में पायलिया है।

नन्हे नन्हे घुंघरू और पांव में पायलिया है, पांव में पायलिया है। श्री राम के बाल रूप ने सबका ही मन मोह लिया है, सबका ही मन मोह लिया है।नन्हे नन्हे घुंघरू और पांव में पायलिया है, पांव में पायलिया है।

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