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राम भजन लिरिक्स

Ram aayenge by Manoj tiwari,जहां जगत में राम पधारे उसी अयोध्या जाना है,ram bhajan

जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।

पांच सदी के इंतजार को मिलकर हमे सजाना है। जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।

जहां हजारों राखी रोई, ममता गोली खाई है। जाने कितने संघर्षों से जूझी नित तरुणाई है।जहां हजारों राखी रोई, ममता गोली खाई है। जाने कितने संघर्षों से जूझी नित तरुणाई है। राम के रूप में संस्कृती का वो, प्रांगण प्रीत सजाना है।प्रांगण प्रीत सजाना है जी प्रांगण प्रीत सजाना है।राम के रूप में संस्कृती का वो, प्रांगण प्रीत सजाना है।जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।

जाने कितने सात प्रयास से ,यह शुभ बेला आई है। कितने रूख तर तरे गए हैं, तब यह बेला आई है। कितने शुद्ध बलिदान हुए तब, कितने आंसू बहाये है। कितनों ने है करी तपस्या तब हम यह दिन पाए है। अपने घर को समझ अयोध्या सबको दीप जलाना है। शीलान्यास के बाद दरस को, उसी अयोध्या जाना है।जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।

राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न, हनुमत जहां महान हुए। जिन गलियों में चले राम सिया, मर्यादा अभियान हुए।राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न, हनुमत जहां महान हुए। जिन गलियों में चले राम सिया, मर्यादा अभियान हुए। भारत मां के जो बालक, मां सरयू तट बलिदान हुए। हम हैं साक्षी वही युग के मंदिर भव्य बनाना है।जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।

पांच सदी के इंतजार को मिलकर हमे सजाना है। जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।जहां जगत में राम पधारे, उसी अयोध्या जाना है।

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