मिट्टी से चौका लिपो तुम, बंदनवार सजाओ। भांति भांति के व्यंजन रखकर, प्रभु को भोग लगाओ। मुग्ध मगन हो नृत्य करो तुम, छोड़कर सारे काम। भवन में आए हैं श्री राम, भवन में आए हैं श्री राम। अवध में आए हैं श्री राम, भवन में आए हैं श्री राम।
अखियां जो बरसों से प्यासी, उनकी प्यास बुझाओ। केवट ने जैसे पग धोए, नैनन जल बरसाओ।अखियां जो बरसों से प्यासी, उनकी प्यास बुझाओ। केवट ने जैसे पग धोए, नैनन जल बरसाओ। भवसागर को पार करो तुम लेकर उनका नाम।भवन में आए हैं श्री राम, भवन में आए हैं श्री राम। अवध में आए हैं श्री राम, भवन में आए हैं श्री राम।
द्वार पर रंगोली सजाकर, उस पर दीप जलाओ। पिढे पर बैठकर प्रभु को, खुद शबरी बन जाओ।द्वार पर रंगोली सजाकर, उस पर दीप जलाओ। पिढे पर बैठकर प्रभु को, खुद शबरी बन जाओ। तीन लोक में सबसे सुंदर रामलला का धाम।भवन में आए हैं श्री राम, भवन में आए हैं श्री राम। अवध में आए हैं श्री राम, भवन में आए हैं श्री राम।
सरयू जी के पावन जल में, पुष्प लिए नर नारी है। साधु राजा खड़े हैं ,स्वागत की तैयारी है।सरयू जी के पावन जल में, पुष्प लिए नर नारी है। साधु राजा खड़े हैं ,स्वागत की तैयारी है। रामलला की चरण धूल का, नहीं है कोई दाम।भवन में आए हैं श्री राम, भवन में आए हैं श्री राम। अवध में आए हैं श्री राम, भवन में आए हैं श्री राम।
भवन में आए हैं श्री राम, भवन में आए हैं श्री राम। अवध में आए हैं श्री राम, भवन में आए हैं श्री राम। भवन में जय जय श्री राम।भवन में जय जय श्री राम।भवन में जय जय श्री राम।भवन में जय जय श्री राम।