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विविध भजन

Aaram Ke Saathi Kya Kya The Jab Waqt Pada Tab Koi Nahi,आराम के क्या क्या साथी थे जब वक्त पडा तब कोई नहीं

आराम के क्या क्या साथी थे जब वक्त पडा तब कोई नहीं

आराम के क्या क्या साथी थे,
जब वक्त पडा तब कोई नहीं।सब दोस्त है अपने मतलब के,दुनिया में किसी का कोई नहीं।आराम के क्या क्या साथी थे,जब वक्त पडा तब कोई नहीं।आराम के क्या क्या साथी थे,
जब वक्त पडा तब कोई नहीं।।




सुलतान जहां माशूक जो थे,सुलतान जहां माशूक जो थेसूने पड़े है मरघट उनके।
जहां चाहने वाले लाखो थे,जहां चाहने वाले लाखो थे,वहाँ रोने वाला कोई नहीं।।
आराम के क्या क्या साथी थे,
जब वक्त पडा तब कोई नहीं।।

जब पैसा हमारे पास में था ,तब दोस्त हमारे लाखो थे।जब पैसा हमारे पास में था ,तब दोस्त हमारे लाखो थे।जब वक्त पड़ा वो मुश्किल का ,
तब पूछने वाला कोई नहीं।
आराम के क्या क्या साथी थे ,
जब वक्त पड़ा तब कोई नही



माँ बाप तिरिया और पुत्रवधु ,मतलब के है सब ही नाते।माँ बाप तिरिया और पुत्रवधु ,मतलब के है सब ही नाते।जब हसने वाले लाखो थे ,
अब रोने वाला कोई नहीं।आराम के क्या क्या साथी थे ,जब वक्त पड़ा तब कोई नहीं।



कल बाग़ जो था फूलो से भरा ,इठलाती हुई चलती थी हवा।कल बाग़ जो था फूलो से भरा ,इठलाती हुई चलती थी हवा।
उस सम्बल गुल का जिकरा क्या ,है खाक दरेबा कुछ भी नहीं।आराम के क्या क्या साथी थे ,
जब वक्त पड़ा तब कोई नहीं।



ए बिंदु क्यों नाहक रोता है ,तू होगा फ़ना इस बाग़ में कल।ए बिंदु क्यों नाहक रोता है ,तू होगा फ़ना इस बाग़ में कल।रोना तेरा बेकार है सब ,
मिटटी में भरोसा कोई नहीं।आराम के क्या क्या साथी थे ,जब वक्त पड़ा तब कोई नहीं।

आराम के क्या क्या साथी थे,
जब वक्त पडा तब कोई नहीं।सब दोस्त है अपने मतलब के,दुनिया में किसी का कोई नहीं।आराम के क्या क्या साथी थे,जब वक्त पडा तब कोई नहीं।

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