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विविध भजन

Mere Satguru De Gaye Gyan baag bhakti ka lagayiyo re,ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे

ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे,बाग भक्ति का लगाई रे ।

ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे,बाग भक्ति का लगाई रे ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे,बाग भक्ति का लगाई रे ।



काहे की धरती काहे का अम्बर। काहे का बना संसार ,बाग भक्ति का लगाइयो रे।
ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे।ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे,बाग भक्ति का लगाई रे ।




पाप की धरती धर्म का अम्बर, अरे मतलब का है संसार,बाग भक्ति का लगाइयो रे
ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे।ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे,बाग भक्ति का लगाई रे ।




काहे की नाव कौन खेवटिया अरे तू तो कहे से उतरे पार
बाग भक्ति का लगाइयो रे
ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे


सेवा की नाव दान खेवटिया, अरे कर्मों से उतरे पार,बाग भक्ति का लगाइयो रे।
ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे।ए री बहना सतगुरु दे गए ज्ञान बाग भक्ति का लगाइयो रे,बाग भक्ति का लगाई रे ।

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