आई शुभ घड़ी मारे आंगने जी कोई सुगन कर पनीहार। बीरा रो चमके फूलडोजी म्हारी भाभी रो नवसर हार। फूल बिछावां मंगल गावां माथे तिलक करावां। मोत्यां रा गज थाल भरावा आरतीयां उतरावां। आज हुई थाने धन्य बहना और जग सारों परिवार। म्हारा वीरा भरवाने आया मायरो जी मैं तो, हो गई आज निहाल।म्हारा वीरा भरवाने आया मायरो जी मैं तो, हो गई आज निहाल।
ज्यों नानी रे भात भरण ने, कृष्ण कन्हैया था आया। एक धागे रो कर्ज चुकावन द्वारिकोटि कमाया। है बात बहुत सी थोड़ा में ,कोड़ी को मोल करोड़ों में। धनवान कोई जग में कोनी,म्हारे भाई की होडा में।धनवान कोई जग में कोनी,म्हारे भाई की होडा में। कोड करे जामन जायो और हरक रहयो ससुराल।म्हारा वीरा भरवाने आया मायरो जी मैं तो, हो गई आज निहाल।म्हारा वीरा भरवाने आया मायरो जी मैं तो, हो गई आज निहाल।
आज हुई मैं खुद सोने की, साजन भी सोने का। धन बादल बन बरसा भाई,भाग खुलया बहना का। मैं गर्व करूं मन मन माही, कुन सी खामी म्हारे ताई। मायड़ सी म्हारी भोजाई, देवत जैसो म्हारो भाई। बखत पड़यां बन जावे म्हारे हर मुश्किल में ढाल।म्हारा वीरा भरवाने आया मायरो जी मैं तो, हो गई आज निहाल।म्हारा वीरा भरवाने आया मायरो जी मैं तो, हो गई आज निहाल।
आई शुभ घड़ी मारे आंगने जी कोई सुगन कर पनीहार। बीरा रो चमके फूलडोजी म्हारी भाभी रो नवसर हार। फूल बिछावां मंगल गावां माथे तिलक करावां। मोत्यां रा गज थाल भरावा आरतीयां उतरावां। आज हुई थाने धन्य बहना और जग सारों परिवार। म्हारा वीरा भरवाने आया मायरो जी मैं तो, हो गई आज निहाल।म्हारा वीरा भरवाने आया मायरो जी मैं तो, हो गई आज निहाल।