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श्याम भजन लिरिक्स

Kalayi tham kar rakhna,कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है,shyam bhajan

कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।

तर्ज, ना झटको जुल्फ से पानी

कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है। बचाना हर मुसीबत से तुम्हारी जिम्मेदारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।

भरोसा है बहुत तुम पर, भरोसा टूट न जाए।भरोसा है बहुत तुम पर, भरोसा टूट न जाए।भरोसा है बहुत तुम पर, भरोसा टूट न जाए। जो निकले आंख से आंसू तो बदनामी तुम्हारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।

ना पल भर के लिए हटना हमारे साथ ही रहना।ना पल भर के लिए हटना हमारे साथ ही रहना।ना पल भर के लिए हटना हमारे साथ ही रहना। धड़कता दिल मेरा धक धक बहुत ही बेकरारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।

हवाले कर दी है कश्ती, चलाओ जैसे तुम चाहो।हवाले कर दी है कश्ती चलाओ जैसे तुम चाहो।हवाले कर दी है कश्ती चलाओ जैसे तुम चाहो। सांप दी डोर हाथों में जिंदगी की हमारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।

किनारे तक चलो लेकर, अगर पतवार ले ली है।किनारे तक चलो लेकर, अगर पतवार ले ली है।किनारे तक चलो लेकर, अगर पतवार ले ली है। बेधड़क नाव तूफा में भरोसे से उतारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।

कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है। बचाना हर मुसीबत से तुम्हारी जिम्मेदारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।कलाई थाम कर रखना मुसीबत सर पर भारी है।

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