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Marwan by anupriya lakhawat,मरवन पुकारे थाने मरुधर देश,

मरवन पुकारे थाने मरुधर देश

आओ रे पधारो ढोला आओ म्हारे देश। मरवन पुकारे थाने मरुधर देश। मरवन पुकारे थाने मरुधर देश। आओ रे पधारो ढोला आओ म्हारे देश।

परदेसा थे जाकर बैठया। ना संदेशा ना तार भेजया।परदेसा थे जाकर बैठया। ना संदेशा ना तार भेजया। छुप गयो दिन ढोला जागु सारी रतिया।बिन थारे ढोला काटु सारी रतिया।काटु सारी रतिया। सुनो सुनो लागे ढोला थारे बिना देश।सुनो सुनो लागे ढोला थारे बिना देश।मरवन पुकारे थाने मरुधर देश। मरवन पुकारे थाने मरुधर देश। आओ रे पधारो ढोला आओ म्हारे देश।

सात जन्म रो साथ निभावां।प्रीत लगाई थांसूं प्रीत निभावां।सात जन्म रो साथ निभावां।प्रीत लगाई थांसूं प्रीत निभावां।प्रेम के रंग में रंगस्यां थे भी मन बसिया।संग थारे हो मरवन बीत जावे सदियां।बीत जावे सदियां। आयो थारो ढोलो मरवन आयो मरु देश।अब ना जाऊं में कोदूजे परदेश।अब ना जाऊं में कोई दूजे परदेश।आओ रे पधारो ढोला आओ म्हारे देश। मरवन पुकारे थाने मरुधर देश। मरवन पुकारे थाने मरुधर देश। आओ रे पधारो ढोला आओ म्हारे देश।

आओ रे पधारो ढोला आओ म्हारे देश। मरवन पुकारे थाने मरुधर देश। मरवन पुकारे थाने मरुधर देश। आओ रे पधारो ढोला आओ म्हारे देश।

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