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विविध भजन

Pinjaro pat pat bole re,पिंजरो पटपट बोले रे थारा गोडा चट चट बोले रे।

पिंजरो पटपट बोले रे ,थारा गोडा चट चट बोले रे।

पिंजरो पटपट बोले रे ,थारा गोडा चट चट बोले रे। सिमरे क्यों नी राम सांवरो घट घट बोले रे।सिमरे क्यों नी राम सांवरो घट घट बोले रे।

पहली पेड़ी पार करयो जद आई जवानी। तेरी बंदे आई जवानी तेरी। विषय रस में भरमायो भजना से आंखया फेरी। तिरिया को घूंघट खोले रे।।सिमरे क्यों नी राम सांवरो घट घट बोले रे।।सिमरे क्यों नी राम सांवरो घट घट बोले रे।

दूजी पेड़ी पार करी अब झड़वा लगी जवानी। बेटा पोता कांधे खेले पावे बिंदनयां पानी। तिरिया हट हट बोले रे, थारी तिरिया हट हट बोले रे।सिमरे कोनी राम सांवरो घट घट बोले रे।सिमरे कोनी राम सांवरो घट घट बोले रे।

तीजी पेड़ी पर है आयो, माचो पटक्यो पोल,थारो माचो पटक्यो पोल।तीजी पेड़ी पर है आयो, माचो पटक्यो पोल,थारो माचो पटक्यो पोल। आधी बत्तीसी खाली रहगी ,पीवे कोरो झोल। दांत भी कटकट बोले रे, तारा कंधा पटपट बोले रे।।सिमरे क्यों नी राम सांवरो घट घट बोले रे।।सिमरे क्यों नी राम सांवरो घट घट बोले रे।

तीजी पेड़ी पार री जब चौथी पे मझधार, भैया चौथी पे मझधार। मालूनी बिन राम भजन के किया उतरे पार। आत्मा मरघट डोले रे मारा भैया मरघट डोले रे।सिमरे क्यों नी राम सांवरो घट घट बोले रे।।सिमरे क्यों नी राम सांवरो घट घट बोले रे।घट घट बोले रे,घट घट बोले रेसिमरे क्यों नी राम सांवरो घट घट बोले रे।।सिमरे क्यों नी राम सांवरो घट घट बोले रे।

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