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Chhut jati hai babul ki galiya dur le jate hai sanjog,छूट जाती है बाबुल की गलियां,shadi geet

छूट जाती है बाबुल की गलियां, दूर ले जाते हैं संजोग।

छूट जाती है बाबुल की गलियां, दूर ले जाते हैं संजोग। कलियां बनकर खिलते हैं फूल, तोड़ ले जाते हैं यह लोग।तोड़ ले जाते हैं यह लोग।छूट जाती है बाबुल की गलियां,

नाजो से पाला बेटी को देता परिवार विदाई। जिस मां ने तुझको जन्म दिया वह मां भी है आज पराई।नाजो से पाला बेटी को देता परिवार विदाई। जिस मां ने तुझको जन्म दिया वह मां भी है आज पराई। जिसको अपना कहते हैं वह आज हुई बेगानी। देख तेरे भैया की आंखों में भर आया पानी। बड़ी बहना तुमको लाख दुआएं देती है। जुग जुग जियो बहना हम यही आशीष देते है। छाया रहे आनंद फूल खुशी का खिला रहे। भंवरे कलियों की भांति दिल दोनों का मिला रहे।छूट जाती है बाबुल की गलियां, दूर ले जाते हैं संजोग।छूट जाती है बाबुल की गलियां,

ऐसे प्यार की बातें ना करना प्यार पति का टूटे ना।प्यार पति का टूटे ना। पिता के घर को छोड़कर पति का घर छूटे ना। आज से तुम कन्या रूप छोड़कर बनी सुहागन नारी है। विसु की तूं कोमल है वह तेरा कृष्ण मुरारी है। बाबुल की महलों की मैंना आज उड़ान भर उड़ चली। रोता छोड़ भाई बहनों को सुना कर परिवार चली।सुना कर परिवार चली।छूट जाती है बाबुल की गलियां, दूर ले जाते हैं संजोग।छूट जाती है बाबुल की गलियां,

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