जो कोई पियाजी री प्यारी सुणे रे ,देवे थारी चोंच मरोड़ ।पपइया , पियाजी री वाणी मत बोल ॥पपइया , पियाजी री वाणी मत बोल ॥
चोंच कटाऊं , पपइया थारी रे ,ऊपर घालू लूण ।
पिवजी म्हारा मैं पिया री ,
थू कुण केवण वालो पपइया ,पियाजी री वाणी मत बोल ॥पपइया , पियाजी री वाणी मत बोल ॥
थारा वचन सुहावणा रे,पिव पिव करे है पुकार ।
चोंच मढाऊं थारी सोवणी रे ,
थू म्हारे सिर रो मोड़ पपइया ,पियाजी री वाणी मत बोल ॥पपइया , पियाजी री वाणी मत बोल ॥
म्हारा पियाजी ने पतियां भेजूं रे ,सुध – बुध लेवण आय ।जाय पियाजी ने यूं कहिजे रे ,
ब्रेहणी धान न खाय पपइया ,पियाजी री वाणी मत बोल ॥पपइया , पियाजी री वाणी मत बोल ॥
मीरांदासी व्याकुल भई रे ,पिव – पिव करे है पुकार ।बेगा मिलो रे म्हारा अन्तर्यामी ,
तुम बिन रयो नहीं जाय पपइया ,
पियाजी री वाणी मत बोल ।।पपइया , पियाजी री वाणी मत बोल ॥