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श्याम भजन लिरिक्स

Kun jane ya maya shyam ki ajab nirali re, कुन जाने या माया श्याम की अजब निराली,श्याम भजन

कुन जाने या माया श्याम की,अजब निराली रे।

कुन जाने या माया श्याम की,अजब निराली रे। यो त्रिलोकी को नाथ जाट के,बन गयो हाली रे।

सौ बीघा को खेत जाट के, श्याम भरोसे खेती रे। आधा में तो गेहूं चना, आधा में दाना मेथी रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 बिना बाड़ को खेत है म्हारो, श्याम रुखाली रे।यो त्रिलोकी को नाथ जाट के,बन गयो हाली रे।

भूरी भैंस चमकनी जाट के, दो बकरी दो नारा रे। बिना बाड़ को बाडो जामें बांधे न्यारा न्यारा रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹आवे चोर जद उभ्यों दिखे, काढ़े गाली रे।यो त्रिलोकी को नाथ जाट के,बन गयो हाली रे।

बाजरे की रोटी खावे, ऊपर घी को लस्को रे।पालक की तरकारी खावे, भरे मुरली के बटको रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 छाछ राबड़ी को करें कलेवो, भर भर थाली रे।यो त्रिलोकी को नाथ जाट के,बन गयो हाली रे।

जाट जाटनी निर्भय सोवे, सोवे छोरा छोरी रे ।श्याम धनी पहरे के ऊपर, कईयां होवे चोरी रे।आवे चोर लगावे चक्कर, जावे खाली रे।🌹यो त्रिलोकी को नाथ जाट के,बन गयो हाली रे।

धन्ना जाट को छपरो छायो, लक्ष्मी बंध खींचायो रे। चेजारो बन चीनबा लाग्यो,हाथा ही गारो गायो रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹बना दियो घर जड़ दियो तालो,दे गयो ताली रे।यो त्रिलोकी को नाथ जाट के,बन गयो हाली रे।

सोहनलाल लोहाकर कहे यो, घर भक्तों के आवे रे। धाबलीए के ओले बैठकर, श्याम खीचड़ो खावे रे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 भक्तों के संग नाचे गावे दे दे ताली रे।यो त्रिलोकी को नाथ जाट के,बन गयो हाली रे।

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