तर्ज, होलिया में उड़े रे गुलाल
तीन त्रिलोकी रो नाथ जटायु ने गोद लियो।चार भुजा रो नाथ जटायु ने गोद लियो।तीन त्रिलोकी रो नाथ जटायु ने गोद लियो।चार भुजा रो नाथ जटायु ने गोद लियो।
कुन रे जटायु थारी या दशा किनहीं।कुन रे जटायु थारी या दशा किनहीं। कुन रे मारयो बाण,जटायु ने गोद लियो।तीन त्रिलोकी रो नाथ जटायु ने गोद लियो।चार भुजा रो नाथ जटायु ने गोद लियो।
राजा री जनक री कंवर लाडली।राजा री जनक री कंवर लाडली। रावण हरण कियो,जटायु ने गोद लियो।तीन त्रिलोकी रो नाथ जटायु ने गोद लियो।चार भुजा रो नाथ जटायु ने गोद लियो।
उन री तो में रक्षा किनी।उन री तो में रक्षा किनी। रावण मारियो वाण,जटायु ने गोद लियो।तीन त्रिलोकी रो नाथ जटायु ने गोद लियो।चार भुजा रो नाथ जटायु ने गोद लियो।
कहे तो जटायु तने अमर कर दूं।कहे तो जटायु तने अमर कर दूं। कहे तो पहुंचाऊं निज धाम,जटायु ने गोद लियो।तीन त्रिलोकी रो नाथ जटायु ने गोद लियो।चार भुजा रो नाथ जटायु ने गोद लियो।
तुलसीदास भजे भगवाना।तुलसीदास भजे भगवाना।जटायु ने पहुंचाया निज धाम,जटायु ने गोद लियो।तीन त्रिलोकी रो नाथ जटायु ने गोद लियो।चार भुजा रो नाथ जटायु ने गोद लियो।
तीन त्रिलोकी रो नाथ जटायु ने गोद लियो।चार भुजा रो नाथ जटायु ने गोद लियो।तीन त्रिलोकी रो नाथ जटायु ने गोद लियो।चार भुजा रो नाथ जटायु ने गोद लियो।