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विविध भजन

Bina Baap Ke Beta Suna,बिना बाप के बेटा सुना बिन माता के र छोरी

बिना बाप के बेटा सुना बिन माता के र छोरी

बिना बाप के बेटा सुना,बिन माता के र छोरी,
बिन भूमि जमीदारा सुना,बिन बालम के र गौरी।।




बिना बाप के बेटे ने सब,भली भुरी भी केहे जावे,थापड़ घुसे लात मर्जा,बैठा बैठा सेहे जावे,
बैठा बैठा सहे जावे,रो रो उथहे झल समुंदर,
जले अरमानों की होली।बिना बाप के बेटा सुना,बिन माता के र छोरी,
बिन भूमि जमीदारा सुना,बिन बालम के र गौरी।।

बिना माता की छोरी के तो,झर झर के तो निर बहे,याद करे ममता की मेरी,
टेम कड़ी जब मा को याद करे,टेम कड़ी जब मा को याद करे,जिसकी मा मरजा बचपन में,
बो क्या करके र छोरी।बिना बाप के बेटा सुना,बिन माता के र छोरी,
बिन भूमि जमीदारा सुना,बिन बालम के र गौरी।।





बिना भूमि के जमीदारा की तो,चलती कोई मरोड़ नहीं,बिन मतलब की बात को कहे जा,
उसका भी कोई तोड़ नहीं,उसका भी कोई तोड़ नहीं,बिन मतलब की बात करे,
ना मतलब की दुनिया होरी।बिना बाप के बेटा सुना,बिन माता के र छोरी,
बिन भूमि जमीदारा सुना,बिन बालम के र गौरी।।





बिन बालम की गोरी का तो,सब तरिया मारना हो जा,उस गोरी का क्या जीना,
जिसकी क़िस्मत भी सौ जा,जिसकी क़िस्मत भी सौ जा,कहे मेहर सिंह वो क्या जीवे,
जिसकी बिछड़ जा र जोड़ी।बिना बाप के बेटा सुना,बिन माता के र छोरी,
बिन भूमि जमीदारा सुना,बिन बालम के र गौरी।।



बिना बाप के बेटा सुना,बिन माता के र छोरी,
बिन भूमि जमीदारा सुना,बिन बालम के र गौरी।बिना बाप के बेटा सुना,बिन माता के र छोरी,
बिन भूमि जमीदारा सुना,बिन बालम के र गौरी।।

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