सदियों से चोरों की टोली, कितने मंदिर लुट गई। कृष्ण की जन्मभूमि छीनी ,काशी अयोध्या छूट गई। बरसों से अपमान की अग्नि ज्वाला बनाकर फूट गई। राम को राम का राज्य मिला, बाबर की बावरी टूट गई।
यह मंदिर नहीं साधारण, धर्म की गौरव गाथा है। कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है। कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।सदियों से तप बलिदानों का मन में आग लगाता है।कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।
बाबर जब भारत में आया, शीश कटाये लाखों के। बच्चों ने मां के स्तन कटते देखे आंखों से। इज्जत लुटती मां बहनों की भारत चीख सुनाता है।कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।
ध्वज गिरे जलकर धरती पर ,शिखर शिवालय के टूटे।ध्वज गिरे जलकर धरती पर ,शिखर शिवालय के टूटे। कैसे भूले अवध का वह दिन, राम से राम का घर छूटे। उस दिन शीश कटे सरयू के तट पर, उस दिन शीश कटे सरयू में बहता खून बताता है।कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।
धर्म बदलने की खातिर सुली चढ़वाया लाखों को।धर्म बदलने की खातिर सुली चढ़वाया लाखों को। मां बहनों की गर्भ में डाला ,जलती तेज सलाखों को। वही कहते हैं बाबर से अपना खून का नाता है। कोई कैसे अपने अपमानों को यूं बिसराता है। पक्के इमानों का ढोंग रचा पैगाम बताता है।कोई कैसे अपने अपमानों को यूं बिसराता है।कोई कैसे अपने अपमानों को यूं बिसराता है।
ना कोई धर्म बुरा लगता है, ना कोई जात बुराई है।ना कोई धर्म बुरा लगता है, ना कोई जात बुराई है। जिसने हिंदू धर्म को छेड़ा उसकी कबर खुदाई है। हमको आग नहीं मुगलों का दिया अपमान जलाता है।कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।
चोर लुटेरे बाबर के चमचों से कह दो मौन रहे।चोर लुटेरे बाबर के चमचों से कह दो मौन रहे। काशी मथुरा अवधपुरी में ,किस में दम है कौन रहे। मंदिर वहीं बनेंगे जहां पर वेद पुराण बताता है।कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।यह मंदिर नहीं साधारण, धर्म की गौरव गाथा है। कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है। कैसे भूले धर्म की हानि मंदिर याद दिलाता है।