तर्ज, आने से उसके आए बहार
सर पे चढ़ा है सबके खुमार,
दर्शन की लम्बी लम्बी कतार,सर पे चढ़ा है सबके खुमार,दर्शन की लम्बी लम्बी कतार,
खोलो पट खोलो जी,
मेरे श्याम धणी,बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।
तुम हटा दो पर्दा,हम भी देखे की कैसे सजे हो,
होता ना सबर है,वक्त के हाथों कैसे बंधे हो,
प्रेम भरे भाव मेरे,पाती मेरी पढ़ लो जी,
मेरे श्याम धणी,बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।खोलो पट खोलो जी,
मेरे श्याम धणी,बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।
खिलखिलाती खुशियां, मेरे आंगन तुम्हारी वजह से। गुनगुना कर गाती,ये बहारे तुम्हारी वजह से।खिलखिलाती खुशियां, मेरे आंगन तुम्हारी वजह से। गुनगुना कर गाती,ये बहारे तुम्हारी वजह से। मधुर मधुर मुस्काओ ,पकड़ो ये बाहें जी मेरे श्याम धनी।बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।खोलो पट खोलो जी,
मेरे श्याम धणी,बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।
आरजू तो मंजिल, लहरी मैं तो मुसाफिर हूं तेरा। गर कोई खता हो, माफ कर देना आखिर हूं तेरा।आरजू तो मंजिल, लहरी मैं तो मुसाफिर हूं तेरा। गर कोई खता हो, माफ कर देना आखिर हूं तेरा। लब खोलो कुछ बोलो, मिश्री सी घोलो जी मेरे श्याम धनी।बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।खोलो पट खोलो जी,
मेरे श्याम धणी,बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।
सर पे चढ़ा है सबके खुमार,
दर्शन की लम्बी लम्बी कतार,सर पे चढ़ा है सबके खुमार,दर्शन की लम्बी लम्बी कतार,
खोलो पट खोलो जी,
मेरे श्याम धणी,बोलो कुछ तो बोलो जी,
मेरे श्याम धणी।।