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Ram ji Sadh Sangat Mohe dijo,राम जी साध संगत मोहे दीजो।

राम जी साध संगत मोहे दीजो।

राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो। बार-बार म्हारी यही विनती कृपा महा पर कीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।

साध संगत ब्रह्मादिक बांचे सनकादिक मुनि ज्ञानी।साध संगत ब्रह्मादिक बांचे सनकादिक मुनि ज्ञानी। जो सुख साध संगत में कहिजे वह सुख नहीं राजधानी।राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो। बार-बार म्हारी यही विनती कृपा महा पर कीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।

पर कृपा उपदेश बतावे डूबत भुजा पसारे।पर कृपा उपदेश बतावे डूबत भुजा पसारे। साधु जगत की यही है विनती करूतन करतारे।राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो। बार-बार म्हारी यही विनती कृपा महा पर कीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।

निस दिन आनंद रहे हीरदा में, हरी आनंद में जीऊं मेंनिस दिन आनंद रहे हीरदा में, हरी आनंद में जीऊं में। वारी संगति दो कृपा कर छीन भर राम ना भूले।राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो। बार-बार म्हारी यही विनती कृपा महा पर कीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।

काम ना क्रोध लोभ नहीं जाके, राम नाम नित गावे। भाई रे राम नाम नित गावे सूरदास की यही विनती साधु संगत मोहे भावे।राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो। बार-बार म्हारी यही विनती कृपा महा पर कीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।

राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो। बार-बार म्हारी यही विनती कृपा महा पर कीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।राम जी साध संगत मोहे दीजो।

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