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Jamana hai beimani ka,by Anil nagori,जमाना है बेईमानी का नेकी का नहीं ठिकाना है।

जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।

जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।

झूठ हठ छल कपट पाखंड, लोभ मद का पसारा है। धोखा और दगाबाजी का जगत में आम व्यवहारा है।झूठ हठ छल कपट पाखंड, लोभ मद का पसारा है। धोखा और दगाबाजी का जगत में आम व्यवहारा है।जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।

ईर्ष्या और द्वेष घट घट में, फूटता राज्य सारा है। चोरी और चार बुराई का, कलयुग में खूब प्रचारा है।ईर्ष्या और द्वेष घट घट में, फूटता राज्य सारा है। चोरी और चार बुराई का, कलयुग में खूब प्रचारा है।जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।

धर्म अन्याय अनीति ने लिया जग का इजारा है। धर्म और न्याय अनीति ने किया जग से किनारा है।धर्म अन्याय अनीति ने लिया जग का इजारा है। धर्म और न्याय अनीति ने किया जग से किनारा है।जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।

लुच्चे बदमाश और धूर्तों का इस समय खुला बजारा है। सज्जन आम नेक पुरुषों का होता मुश्किल से गुजारा है।लुच्चे बदमाश और धूर्तों का इस समय खुला बजारा है। सज्जन आम नेक पुरुषों का होता मुश्किल से गुजारा है।जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।जमाना है बेईमानी का,नेकी का नहीं ठिकाना है।

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