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विविध भजन

He re manva satsang kar lo Santo ri,हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री हो जाओ भव सु पार अवसर मिले न दूजी बार

हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।

हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।

हे रे मनवा अढसतीर्थ संतो रे शने, खुल जावे मोक्ष द्वार चाहे देखो वेद पुराण।हे रे मनवा अढसठ तीर्थ संतो रे शरने, खुल जावे मोक्ष द्वार चाहे देखो वेद पुराण।हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री, हो जाओ भव से पार, अवसर मिले न दूजी बार।हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।

हे रे मनवा सतगुरु सारे संकट से ,भाग्य उदय हो जाए, शरण संतो रे तू जाए।हे रे मनवा सतगुरु सारे संकट से ,भाग्य उदय हो जाए, शरण संतो रे तू जाए।हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।

हे रे मनवा संत साएब में अंतर नाहीं, बांचो वेद पुराण, खुल जाए मोक्ष रा द्वार।हे रे मनवा संत साएब में अंतर नाहीं, बांचो वेद पुराण, खुल जाए मोक्ष रा द्वार।हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।

हे रे मनवा संतो रो जो शरनो लियो , वो यो अमर धाम, शरण रेहवे गणपत राम।हे रे मनवा संतो रो जो शरनो लियो , वो गयो अमर धाम, शरण रेहवे गणपत राम।हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।हे रे मनवा सत्संग कर लो संतो री,हो जाओ भव सु पार,अवसर मिले न दूजी बार।

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