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Tujhe ab bhi na aaya Gyan satsang sun sun ke,तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के

तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के

तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।सुन सुन के सखी सुन सुन के, तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।सुन सुन के सखी सुन सुन के, तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के

तेरे द्वारे पर साधु आया ,तेरे द्वारे पर साधु आया। तूने दिया नहीं कुछ दान सत्संग सुन सुन के ।तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।

तेरे द्वारे पर सासल आई।तेरे द्वारे पर सासल आई। तूने किया नहीं सम्मान सत्संग सुन सुन के ॥तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के।

तेरे द्वारे पर ननदी आई।तेरे द्वारे पर ननदी आई। तूने कर दिया बंद किबार सत्संग सुन सुन के।तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।

पुरी कथा भागवत नहीं सुनी।पुरी कथा भागवत नहीं सुनी। तू तो सो गई चादर तान सत्संग सुन सुन के।तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।

तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।सुन सुन के सखी सुन सुन के, तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।सुन सुन के सखी सुन सुन के, तुझे अब भी ना आया ज्ञान सत्संग सुन सुन के ।

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