सीया सुकुमारी मिथिला की दुलारी,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी।सीया सुकुमारी मिथिला की दुलारी,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी।
चारौ दूलह दशरथ के रे नंदन,
अद्भुत रूप निहारी,
भेलौ मगन सुनि नर और नारी,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी।सीया सुकुमारी मिथिला की दुलारी,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी।
रूप बदल ऋषि मुनि सब एला,
और पुष्पन बर साई,
अब अवध पूरी के युवराज रघुराइ,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी।सीया सुकुमारी मिथिला की दुलारी,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी।
जिनकर वर्णन वेद करै अछी
अखिल लोक सुखदाई,
कौशल्या सूत राम जमाई,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी।सीया सुकुमारी मिथिला की दुलारी,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी।
सीया सुकुमारी मिथिला की दुलारी,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी।सीया सुकुमारी मिथिला की दुलारी,
पाहून हमर रघुवर धनु धारी।