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durga bhajan lyrics दुर्गा भजन लिरिक्स

Paava Garh Su Uttri Kalka,पांवा गढ़ सु उत्तरी कालका संग भेरू ने लाइ हे,durga bhajan

पांवा गढ़ सु उत्तरी कालका, संग भेरू ने लाइ हे


पांवा गढ़ सु उत्तरी कालका, संग भेरू ने लाइ हे,
आगे आगे कालो खेले, पाछे भेरू गोरो हे ओ जी,पांवा गढ़ सु उत्तरी कालका,



ऐ हे खड़क खांडो खप्पर हाते, हुई विकराल काली हे,योगी भूत पिचासन नाचे, हे तीन लोक की माई हे ओ जीऐ हे खड़क खांडो खप्पर हाते, हुई विकराल काली हे,योगी भूत पिचासन नाचे, हे तीन लोक की माई हे ओ जी,
पांवा गढ़ सु उत्तरी कालका।



ऐ हे तीन लोक और चौदह भवन में, माता थारो राज हेदेवी देवता सरणे आया, शंकर शीश नमाया हे ओ जी।ऐ हे तीन लोक और चौदह भवन में, माता थारो राज हे।
देवी देवता सरणे आया, शंकर शीश नमाया हे ओ जी।पांवा गढ़ सु उत्तरी कालका।



ऐ हे ढोल नंगाड़ा नोपत बाज्या, तीनो देव थारे नाच्या हेभगता रे बेले आवो ऐ कालका, अब देरी ना लगावो हे ओ जी।ऐ हे ढोल नंगाड़ा नोपत बाज्या, तीनो देव थारे नाच्या हे।भगता रे बेले आवो ऐ कालका, अब देरी ना लगावो हे ओ जी।पांवा गढ़ सु उत्तरी कालका।



ऐ हे धरम भगत थारी महिमा गावे, चरना शीश नमावे हे।जो कोई चरना आवे मात रे, जनम सफल हो जावे हे ओ जी।ऐ हे धरम भगत थारी महिमा गावे, चरना शीश नमावे हे।जो कोई चरना आवे मात रे, जनम सफल हो जावे हे ओ जी।पांवा गढ़ सु उत्तरी कालका।

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