कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा कृष्णा हरि।कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा कृष्णा हरि।हरी कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा कृष्णा हरि।हरी कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा कृष्णा हरि।
गुंज गुंज चलो हो गई मगन ओ रे बनवारी में। झूम झूम अंग तेरी ही मलंग होके बलिहारी में। जग सारा दीवाना तेरा ओ मेरे कान्हा रे। तेरे बिन दूजा ना मेरा मैं यह जाना रे। कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा है प्रीत का प्याला रे। कृष्ण कृष्ण हरि कृष्ण तन मन रंग डाला रे।कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा है प्रीत का प्याला रे। कृष्ण कृष्ण हरि कृष्ण मस्त मलंग हुई बाला रे।
मेरे मन में जो मन मेरे, तू है धन में सावन मेरे। नगरी सारी है सजी रे, मुरली तेरी जो बाजी रे। हो हो हो तेरे को गाऊं में बन जाऊं, तन मन से राधा रे। तेरे रंग में रंग रंग जाऊं ओ मेरे कान्हा रे।कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा है प्रीत का प्याला रे। कृष्ण कृष्ण हरि कृष्ण तन मन रंग डाला रे।कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा है प्रीत का प्याला रे। कृष्ण कृष्ण हरि कृष्ण मस्त मलंग हुई बाला रे।
पैरों की मैं धूल तेरी हो रे थोड़ी सी जगह दे। ना भूले ना रे भूल से भी तु, प्रेम रस पिला दे रे।।हरी कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा कृष्णा हरि।हरी कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा कृष्णा हरि।
तू है तो यह चेहरा खिले, तुम ना हो तो नैना छिले। आंखों से गर ओझल हो तु, भीगी मेरे नैना मिले। बह जाए रे मोती बनके आंसू की धारा रे। जो तू है तो चमके दमके जग ये हमारा रे।कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा है प्रीत का प्याला रे। कृष्ण कृष्ण हरि कृष्ण तन मन रंग डाला रे।कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा है प्रीत का प्याला रे। कृष्ण कृष्ण हरि कृष्ण मस्त मलंग हुई बाला रे।
कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा है प्रीत का प्याला रे। कृष्ण कृष्ण हरि कृष्ण तन मन रंग डाला रे।कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा है प्रीत का प्याला रे। कृष्ण कृष्ण हरि कृष्ण मस्त मलंग हुई बाला रे।कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा है प्रीत का प्याला रे। कृष्ण कृष्ण हरि कृष्ण तन मन रंग डाला रे।कृष्णा कृष्णा हरी कृष्णा है प्रीत का प्याला रे। कृष्ण कृष्ण हरि कृष्ण मस्त मलंग हुई बाला रे।