पलकारी छांव राखो सा, बैरी नजरा बचाया राखो सा। म्हारा ईशर महारा साहेब जी हिवडे से लगाया रखो सा। म्हारो मनडो ठिकाने रहवे कोनी। भरी दुपहरी में छत निकलूं। गोरो रंग सांवलो हो जावे, देखो तावड़िया में मत निकलो। मारो कहना मानो आलीजा,मारो कहना मानो आलीजा,मारो कहना मानो आलीजा,मारो कहना मानो आलीजा,
काई काम की उमराव या सरकारी नौकरी। एक पल कोनी चैन कदे बिराजो दो घड़ी।काई काम की उमराव या सरकारी नौकरी। एक पल कोनी चैन कदे बिराजो दो घड़ी।में केहू सा या बात पता की,म्हारी बात कागज पर लिख लो।गोरो रंग सांवलो हो जावे, देखो तावड़िया में मत निकलो। मारो कहना मानो आलीजा,मारो कहना मानो आलीजा,मारो कहना मानो आलीजा,मारो कहना मानो आलीजा,
जरा सी देर में आऊं सा, पजरंगी चुनरी लाऊं सा।जरा सी देर में आऊं सा, पजरंगी चुनरी लाऊं सा। म्हारी मरबन म्हारी कामनगारी ,नैना माही बसाऊं सा। एक बार मन थे जावा दो मत रखो सा ईतो प्रेम। गोरो रंग सांवलो होबा दो,मारो रंग प्रीत को है गैरों। मारो कहनो मानो लाड़ीसा,मारो कहनो मानो लाड़ीसा,मारो कहनो मानो लाड़ीसा,मारो कहनो मानो लाड़ीसा,
मानो सा म्हारी बात ने, जानो तो जाओ रात ने।मानो सा म्हारी बात ने, जानो तो जाओ रात ने। जगमग करे सारो जयपुरीयो ,ले चालो मने साथ मे।आप रूप रूपाला घणा हठीला, काई में करू के पिया बिगड़े।गोरो रंग सांवलो हो जावे, देखो तावड़िया में मत निकलो। मारो कहना मानो आलीजा,मारो कहना मानो आलीजा,मारो कहना मानो आलीजा,मारो कहना मानो आलीजा,