तु गोकुल का रखवाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
तेरे मोर मुकुट सिर सोहत है,
मकराकृत कुंडल मोहत है ।
तेरे गल वैजन्तीमाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
तु गोकुल का रखवाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
तु मीठी बेनु बजाता है,
यमुना तट धेनु चराता है ।
ग्वालन संग खेल रचाता है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
तु गोकुल का रखवाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
संसार तुम्हारी माया है,
घट-घट में तु हि समाया है ।
तु हि प्रभु दिन दयाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
तु गोकुल का रखवाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
जो शरण तुम्हारी आता है,
वो अवीचल पदवी पाता है ।
फिर जनम मरण मिट जाता है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
तु गोकुल का रखवाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
यह दास तेरा गुण गाता है,
चरणों में शिश नवांता है ।
तु बिगडी बनाने वाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
तु गोकुल का रखवाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
तु गोकुल का रखवाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥तु गोकुल का रखवाला है,
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥
कोई क्या जाने नन्दलाला है॥