जो चुराके खाता माखन हरबार है,
वो नंद का लाला किशन मुरार है,
जिसकी बंशी पे राधा तलबग़ार है,
वो किशन मुरार है, वो किशन मुरार है।
तर्ज, कुछ तुम बोलो कुछ हम बोले
चक्र सुदर्शन धर के दुष्टों का ये संहार करता,
उंगली पे पर्वत रखके भक्तों की रक्षा ये करता।चक्र सुदर्शन धर के दुष्टों का ये संहार करता,
उंगली पे पर्वत रखके भक्तों की रक्षा ये करता,
जिसका श्याम कलयुग में अवतार है।
वो किशन मुरार है, वो किशन मुरार है।जो चुराके खाता माखन हरबार है,
वो नंद का लाला किशन मुरार है,
जिसकी बंशी पे राधा तलबग़ार है,
वो किशन मुरार है, वो किशन मुरार है।
बृज की गोपियाँ सारी, सबके हैं ये प्यारे,
राधा संग रास रचाएँ, गोकुल राज दुलारे।बृज की गोपियाँ सारी, सबके हैं ये प्यारे,
राधा संग रास रचाएँ, गोकुल राज दुलारे।
जिसका दीवाना सारा ही संसार है,
वो किशन मुरार है, वो किशन मुरार है।जो चुराके खाता माखन हरबार है,
वो नंद का लाला किशन मुरार है,
जिसकी बंशी पे राधा तलबग़ार है,
वो किशन मुरार है, वो किशन मुरार है।
यशोदा माँ ने पाल्यों, माँ देवकी के जनमें,
इनको खेल निरालो, शंका नही ह मनमें,यशोदा माँ ने पाल्यों, माँ देवकी के जनमें,
इनको खेल निरालो, शंका नही ह मनमें,
“विपिन” जिसके लाखों चमत्कार है,
वो किशन मुरार है, वो किशन मुरार है।जो चुराके खाता माखन हरबार है,
वो नंद का लाला किशन मुरार है,
जिसकी बंशी पे राधा तलबग़ार है,
वो किशन मुरार है, वो किशन मुरार है।