तर्ज, मेरे बांके बिहारी लाल तू इतना ना करियो सिंगार
हुआ ब्रिज मंडल में शोर ,चलो सब ब्रज मंडल की ओर, जन्म लियो कान्हा ने।कान्हा ने,जन्म लियो कान्हा ने।
ब्रज नगरी में धूम मची है, शहनाई सब और बजी है।ब्रज नगरी में धूम मची है, शहनाई सब और बजी है। बोले कोयलिया बन मोर,चलो सब ब्रज मंडल की ओर, जन्म लियो कान्हा ने।कान्हा ने,जन्म लियो कान्हा ने।
नंद भवन में बजत बधाई, ग्वाल बाल सब गोपियन आई।नंद भवन में बजत बधाई, ग्वाल बाल सब गोपियन आई। घटा छाई है घनघोर,चलो सब ब्रज मंडल की ओर, जन्म लियो कान्हा ने।कान्हा ने,जन्म लियो कान्हा ने।
कैसी अद्भुत झांकी याकी। मोर मुकुट भृकुटी है बांकी।कैसी अद्भुत झांकी याकी। मोर मुकुट भृकुटी है बांकी। देख जियारा लेत हिलोर,चलो सब ब्रज मंडल की ओर, जन्म लियो कान्हा ने।कान्हा ने,जन्म लियो कान्हा ने।
मन मेरे आनंद भयो है, घर-घर मंगलाचार भयो है।मन मेरे आनंद भयो है, घर-घर मंगलाचार भयो है। लता सखी तो होत विभोर,चलो सब ब्रज मंडल की ओर, जन्म लियो कान्हा ने।कान्हा ने,जन्म लियो कान्हा ने।
हुआ ब्रिज मंडल में शोर ,चलो सब ब्रज मंडल की ओर, जन्म लियो कान्हा ने।कान्हा ने,जन्म लियो कान्हा ने।