हरि हर बोलो मेरे भाई और करम लेख न मिटे।
करो चाहे लाखों चतुरा,करम लेख न मिटे। हरि हर बोलो मेरे भाई और करम लेख न मिटे।
करो चाहे लाखों चतुरा,करम लेख न मिटे।
सोमवार के दिन सुदामा ने हरि से कपट कियो।
और चावल लिए छुपाए कृष्ण ने जब ही श्राप दियो।सोमवार के दिन सुदामा ने हरि से कपट कियो।और चावल लिए छुपाए कृष्ण ने जब ही श्राप दियो।भामिनी यों उठ समझावे तुम चले द्वारिका जाओ दूर कंगाली है जावे।हरि हर बोलो मेरे भाई और करम लेख न मिटे।
मंगलवार के दिन भीष्म शर शैय्या पे सोए।
और कर अर्जुन की याद भीष्म शर शैय्या पे रोए।बुलाए दे मेरे पार्थ को और तकिया दे लगा।
दिखे दे मोए महाभारत को शिखंडी मोए मत तरवावे।कितनो है जाय बैर बख्त दूध अपने की आवे।हरि हर बोलो मेरे भाई और करम लेख न मिटे।
बुधवार के दिना पांडव जुआ हार गए।
और कौरव रहे सताए पांडव अति दुख पाए रहे।
द्रौपदी मन में समझावे चाहे कितनों है जाय बैर,
बख्त सुध अपने की आवे,
वीरवार के दिना ध्यानू ब्याह को मचल गए
और कर भाइयों से बैर ब्याह कर नौहरे पे लाए।हरि हर बोलो मेरे भाई और करम लेख न मिटे।
शुक्रवार के दिना राम सिया वन को चले गए।
और पुत्र शोक में दशरथ जी ने प्राण गंवाए दिए।
नब्ज जब लक्षण की छूटी और रो रहे राजा राम।
भुजा मेरी भैया बिन टूटी संजीवन को लावे बूटी।
चाहे कितनो है जाय बैर बख्त सुध अपने की आवे।हरि हर बोलो मेरे भाई और करम लेख न मिटे।
शनिवार के दिना लाल बगिया में चले गए।
और फूल पे हाथ बढ़ाओ लाल करे ने खाय लये।
रो रही तारा सी रानी और फिर उठ खात पछाड़।
बहे जाके नैनन से पानी, धीर को बेटा बंधवावे।
चाहे कितनो है जाय बैर बख्त सुध अपने की आवे।हरि हर बोलो मेरे भाई और करम लेख न मिटे।