सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी। प्यासी है जी कब से अखियां दरस दिखाओ कभी। नटखट गोविंद नटखट गोपाला। गईया चराए बोलो कौन है यह ग्वाला।नटखट गोविंद नटखट गोपाला। गईया चराए बोलो कौन है यह ग्वाला। प्यार की यह भाषा जरा हमें भी सिखाओ कभी।सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी। प्यासी है जी कब से अखियां दरस दिखाओ कभी।सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी। प्यासी है जी कब से अखियां दरस दिखाओ कभी।
बचना रे बचना कान्हा रंग लगाए। बरसाने के सभी रास्ते सजाये। माखन मटकी रे अपनी बचा लो। मटकी फोड़ के नाच नचाए। प्रीत का ये रंग जरा हमें भी लगाओ कभी।सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी। प्यासी है जी कब से अखियां दरस दिखाओ कभी।सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी। प्यासी है जी कब से अखियां दरस दिखाओ कभी।
तुम्हारी लीला कोई समझे ना समझे। माया तुम्हारी से कैसे कोई बच ले।तुम्हारी लीला कोई समझे ना समझे। माया तुम्हारी से कैसे कोई बच ले। लाड जो मैंने तुझे अर्पण किया तो, प्रेम रंग क्या है यह अब जाकर समझे। मीठी मन मोहिनी मुरली मेरे लिए भी बजाओ कभी।सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी। प्यासी है जी कब से अखियां दरस दिखाओ कभी।सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी। प्यासी है जी कब से अखियां दरस दिखाओ कभी।