कदम की डारी झूले राधा प्यारी।कदम की डारी झूले राधा प्यारी। झूले राधा प्यारी झुलावे बनवारी।झूले राधा प्यारी झुलावे बनवारी। गावे बृज नारी दे दे कर तारी।गावे बृज नारी दे दे कर तारी।कदम की डारी झूले राधा प्यारी।कदम की डारी झूले राधा प्यारी।कदम की डारी झूले राधा प्यारी।
कुंज बिहारी बोले बलिहारी।कुंज बिहारी बोले बलिहारी। कहूं बारी बारी ,झांकी लखे प्यारी।कहूं बारी बारी ,झांकी लखे प्यारी।कदम की डारी झूले राधा प्यारी।कदम की डारी झूले राधा प्यारी।
किया सोलह सिंगार फूलन को। राजति भानु दुलार,लखोरी आली। झुकी झुकी झोटे देत लाल जो। करण चाहत मृग चार।लखोरी आली। घूरी घूरी मृदु मुस्काए लाडली। करती नैन सौ बार,लखोरी आली।
लाल अलापत ताल लाडली। गावत मेघ मल्हार,लखोरी आली लाली जु की श्यामा जु की झुलन बहार।
पाती घृत झोटे दियो लाल जब, डरती हीय सुकुमार,लखोरी आली।कहे लाडली करो ना लांघराई, नटखट नंद कुमार ,लखोरी आली।लखोरी आली लाली जु की श्यामा जु की झुलन बहार।
हां कृपालु तब ही मानु जब, संग झुलाओ रिझवार लखोरी आली।संग झुलाओ रिझवार लखोरी आली।लखोरी आली लाली जु की श्यामा जु की झुलन बहार।लखोरी आली लाली जु की श्यामा जु की झुलन बहार।