बेटे का क्यों मान जगत में बेटी का क्यों मान नहीं। मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।
बेटा तो बस धन ही कमाए, बेटी रिश्ते कमाती है। हर सुख दुख में बेटी तो ,मां बाप का साथ निभाती है।बेटा तो बस धन ही कमाए, बेटी रिश्ते कमाती है। हर सुख दुख में बेटी तो ,मां बाप का साथ निभाती है। जिस घर में बेटी नहीं होती उस घर का कोई मान नहीं।मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।
बेटा चाहे छोड़ भी जाए, बेटी साथ ना छोड़ेगी। बाबुल का घर ना छोड़े तो, घर से रिश्ता जोड़ेगी।बेटा चाहे छोड़ भी जाए, बेटी साथ ना छोड़ेगी। बाबुल का घर ना छोड़े तो, घर से रिश्ता जोड़ेगी। कन्यादान से बढ़कर जग में दूजा तो कोई दान नहीं।मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।
बेटा क्या लेकर के आया, बेटी क्या नहीं लाई है। बिन बेटी के सुनी सुनी ,हर भाई की कलाई है।बेटा क्या लेकर के आया, बेटी क्या नहीं लाई है। बिन बेटी के सुनी सुनी ,हर भाई की कलाई है। रक्षाबंधन भाई दूज की क्या तुमको पहचान नहीं।मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।
बेटा बेटी एक बराबर बड़ा ना कोई छोटा है। फर्क जो समझे इन दोनों में वह नियत का खोटा है।बेटा बेटी एक बराबर बड़ा ना कोई छोटा है। फर्क जो समझे इन दोनों में वह नियत का खोटा है। ऐसी नीयत वालों का यहां, करना कभी कोई मान नहीं।मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।
बेटे का क्यों मान जगत में बेटी का क्यों मान नहीं। मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।मुझे बताओ दुनिया वालों बेटी क्या संतान नहीं।