हे शिव शंभू तेरे दर्शन को अखियां है प्यासी। मैं तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी। तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी। तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी।
तेरी महिमा जग में है भारी , भक्तों के सच्चे हितकारी। तुम जानते हो सबके मन की है घट-घट के वासी।में तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी।में तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी।
तेरी एक झलक जो मिल जाए, मेरे मन की बगिया खील जाए। तेरे दरस से कट जाए भोले यम की फांसी।में तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी।में तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी।
दर्शन को नैना तरसे जी। सावन भादो जो बरसे जी। तेरी सेवा करेंगे भोले हम तो बनकर के दासी।में तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी।में तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी।
हे शिव शंभू तेरे दर्शन को अखियां है प्यासी। मैं तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी। तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी। तेरी शरण में आई विनती सुन लो अविनाशी।