Categories
शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Shankar ka Damru Baj Raha Sawan Ke mahine mein,शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में,shiv bhajan

शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में।

शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में।शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में। छम छम छम मनवा नाच रहा सावन के महीने में।शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में।

घन घन घन घन बादल गरजे, भोले दरस को नैना तरसे।घन घन घन घन बादल गरजे, भोले दरस को नैना तरसे। चल मन चल भोले के द्वारे ,भोले ही है देव हमारे। महादेव का मंदिर सज रहा सावन के महीने में।छम छम छम मनवा नाच रहा सावन के महीने में।शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में।

चारों ओर है शुभ का मंगल, मोहे पर्वत सोहे जल थल।चारों ओर है शुभ का मंगल, मोहे पर्वत सोहे जल थल। दादर मोर पपीहा बोले, भक्तजन सब करते करतल धन। गंगाजल सब डाल रहे सावन के महीने में।छम छम छम मनवा नाच रहा सावन के महीने में।शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में।

हर कोई शिव मंत्र गाए, बम बम आवाज लगाये। सब मिल बोले नमः शिवाय, शिव का नाम ही भय मिटाए। रख सारा ही जाग जाग रहा सावन के महीने में।छम छम छम मनवा नाच रहा सावन के महीने में।शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में।

शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में।शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में। छम छम छम मनवा नाच रहा सावन के महीने में।शंकर का डमरू बाज रहा सावन के महीने में।

Leave a comment