झूला तो पड़ गए यमुना के तीर में जी।झूला तो पड़ गए यमुना के तीर में जी। एजी कोई झुक रही हंबा कोई झुक रही, अमुआ की डाल, यमुना के तीर में जी।
बागों में सुंदर फूल खिले, फूलों पर भंवरे गूंज रहे।बागों में सुंदर फूल खिले, फूलों पर भंवरे गूंज रहे। नन्हीं नहीं बुंदिया बहना मेरी पड़ रही जी, एजी कोई ठंडी ठंडी हंबा कोई ठंडी ठंडी, पड़त फुहार।झूला तो पड़ गए यमुना के तीर में जी।
इत शोभित है राधा प्यारी, उत सोहे रहे हैं मुरारी।इत शोभित है राधा प्यारी, उत सोहे रहे हैं मुरारी। एरी ललिता विशाखा झोटा दे रही जी। एजी कोई सखियां हंबे कोई सखियां गावे मल्हार।झूला तो पड़ गए यमुना के तीर में जी।
राधा की पचरंगी साड़ी, पितांबर की छवि है न्यारी।राधा की पचरंगी साड़ी, पितांबर की छवि है न्यारी। एरी देख के शोभा युगल सरकार की। एजी कोई पुलकित हंबे कोई पुलकित, है ब्रजनार।झूला तो पड़ गए यमुना के तीर में जी।
झूला तो पड़ गए यमुना के तीर में जी।झूला तो पड़ गए यमुना के तीर में जी। एजी कोई झुक रही हंबा कोई झुक रही, अमुआ की डाल, यमुना के तीर में जी।