कदई नही भुलुला गुण थारो ओ,
गुरुसा म्हारो अब के जनम सुधारो।
लख चौरासी में घणो दुःख देखियो,
धर धर पशु अवतारो ,
धुप छाव में तो चही घनेरी,
ओ दुख परो रे निवारो।
गुरुसा म्हारो अब के जनम सुधारो,
कदई नही भुलुला गुण थारो ओ,
गुरुसा म्हारो अब के जनम सुधारो।
गुरु बिन सहाय करे कौन जीवरी,
तीर्थ फिरो हजार,
वैकुंठासु पासा भेजिया,
नारद सुखदेव प्यारो।
गुरुसा म्हारो अब के जनम सुधारो
कदई नही भुलुला गुण थारो ओ,
गुरुसा मारो अबकोडो जनम सुधारो।
गुरु बिन ग्यान ध्यान सब जुठो,
जुठो जी जग संसारो,
पति बिन नार कैसो पद पावे,
कैसे विधवा रो सिंगारो।
गुरुसा म्हारो अब के जनम सुधारो।
कदई नही भुलुला गुण थारो ओ,
गुरुसा मारो अबकोडो जनम सुधारो।
राम मिलन री राह बतावो,
मेटो भृम अंधेरो,
आप गुरुसा म्हारा पर उपकारी,
अवगुण परो रे निवारो ।
गुरुसा म्हारो अब के जनम सुधारो,
कदई नही भुलुला गुण थारो ओ,
गुरुसा मारो अबकोडो जनम सुधारो।
बार बार म्हारी आई विनती,
वैगी सुनो जी पुकारो ,
दास केवल पर कृपा कीजो,
सर पर पंजो रालो ।
गुरुसा म्हारो अब के जनम सुधारो
कदई नही भुलुला गुण थारो ओ,
गुरुसा मारो अबकोडो जनम सुधारो।