इतना तो कर्म करना रसिकों पर मेरे कान्हा,
इतना तो कर्म करना रसिकों पर मेरे कान्हा,
इतना तो कर्म करना रसिकों पर मेरे कान्हा,
जब जान लबों पर हो तुम सामने आ जाना।
जी चाहता है तोहफे में भेजूं मैं उन्हें आकर,
दर्शन का तो दर्शन हो नजराने का नजराना,
इतना तो कर्म करना रसिकों पर मेरे कान्हा,
इतना तो कर्म करना रसिकों पर मेरे कान्हा,
जब जान लबों पर हो तुम सामने आ जाना।
पीने को तो पी लूंगा पर सर पर जरा सी है,
साथ ही मेरा कान्हा हो वृंदावन का मयखाना,
इतना तो कर्म करना रसिकों पर मेरे कान्हा,
इतना तो कर्म करना रसिकों पर मेरे कान्हा,
जब जान लबों पर हो तुम सामने आ जाना।
इतना तो कर्म करना रसिकों पर मेरे कान्हा,
जब जान लबों पर हो तुम सामने आ जाना।