तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।तूने पूरे महीने खाया पिया एक दिन भी ना उपवास किया।तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।
तूने कभी ना धन का दान किया, और दौलत का अभिमान किया,तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।
तूने भूखे को भोजन नहीं दिया, और चावल का ना दान किया,तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।
तूने प्यासे को पानी पिलाया नहीं,और दूध दही का ना दान किया,तेरे प्राण शरीर से ना छूटे । तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।
सोने चांदी का ना दान किया,गंगा स्नान भी नहीं किया,तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।
तूने कभी ना बिछौना दान किया, और वस्त्रों का ना दान किया,तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।
तूने सास ससुर की ना सेवा करी, और कभी ना कन्यादान किया ,तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।
कभी गुरु की शरण में नहीं गया, और राम भजन भी नहीं किया,तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।
अब तो तेरा अंतिम क्षण है,अब तो हरी का सुमिरन कर ले,तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।तूने ग्यारस व्रत कभी ना किया तेरे प्राण शरीर से ना छूटे ।