मांगे से कुछ नही मिलता बिन मांगे मिलता है अपने अपने कर्मों का फल सबको मिलता है।अपने अपने कर्मों का फल सबको मिलता है।
एक ईंट वो है मंदिर में लगती है ,एक ईंट वो है सड़कों पे लगती है।एक ईंट वो है मंदिर में लगती है ,एक ईंट वो है सड़कों पे लगती है। दोनों की माटी एक है पर फर्क इतना है। अपने अपने कर्मों का फल सबको मिलता है।
एक वेटा वो है जो आफिस जाता है ।एक वेटा वो है सड़कों पे भटकता है।एक वेटा वो है जो आफिस जाता है ।एक वेटा वो है सड़कों पे भटकता है। दोनों की माता एक हैं पर फर्क इतना है ।अपने अपने कर्मों का फल सबको मिलता है।
एक वेटी वो है महलो में रहती है। एक वेटी वो है जो दासी बनती है।एक वेटी वो है महलो में रहती है। एक वेटी वो है जो दासी बनती है। दोनों की माता एक हैं पर फर्क इतना है। अपने अपने कर्मों का फल सबको मिलता है।
एक बहू वो है जो सेवा करती है ।एक बहू वो जो धक्का देती है। दोनों की सासू एक हैं पर फर्क इतना है। अपने अपने कर्मों का फल सबको मिलता है।
मांगे से कुछ नही मिलता बिन मांगे मिलता है अपने अपने कर्मों का फल सबको मिलता है।अपने अपने कर्मों का फल सबको मिलता है।