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विविध भजन

Kaato Lagyo Re Satsang Me Mhare Khatak Rahyo Din Raat,काँटो लाग्यो रे सतसंग में म्हारे खटक रह्यो दिन रात,

काँटो लाग्यो रे सतसंग में म्हारे खटक रह्यो दिन रात,

काँटो लाग्यो रे सतसंग में म्हारे खटक रह्यो दिन रात,काँटो लाग्यो रे सतसंग में म्हारे खटक रह्यो दिन रात।।



संत वृक्ष शब्द निज काँटों बिखरयो सतसंग रात,
वो दिल चुभ गयो और अंदर खटक भयो विख्यात।संत वृक्ष शब्द निज काँटों बिखरयो सतसंग रात,वो दिल चुभ गयो और अंदर खटक भयो विख्यात।काँटो लाग्यो रे सतसंगत में म्हारे खड़क रह्यो दिन रात।।



ध्रुव के लाग्यो प्रह्लाद के लागो नरसी मीरा रै साथ।सही सुलतान भरतरी रै लाग्यो छोड़ राज वन जातध्रुव के लाग्यो प्रह्लाद के लागो नरसी मीरा रै साथ।सही सुलतान भरतरी रै लाग्यो छोड़ राज वन जात।
काँटो लाग्यो रे सतसंगत में म्हारे खड़क रह्यो दिन रात।।



गणिका लागयो गोपीचंद लागो करमा बाई रे साथ।सैन भगत रै ऐसो लाग्यो रटे दिन और रातगणिका लागयो गोपीचंद लागो करमा बाई रे साथ।सैन भगत रै ऐसो लाग्यो रटे दिन और रात।काँटो लाग्यो रे सतसंगत में म्हारे खड़क रह्यो दिन रात।।



नैणा नींद नहीं अन्न जल भावे दर्द घणों घबरात।
बीजल दास बण्यो बड़भागी और नहीं स्यूं आस।नैणा नींद नहीं अन्न जल भावे दर्द घणों घबरात।
बीजल दास बण्यो बड़भागी और नहीं स्यूं आस।
काँटो लाग्यो रे सतसंगत में म्हारे खड़क रह्यो दिन रात।।

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