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विविध भजन

Bin yog sadhna ke bande mukti ka rasta milta na,बिन योग साधना के बंदे मुक्ति का रास्ता मिलता ना

बिन योग साधना के बंदे मुक्ति का रास्ता मिलता ना

तर्ज, अब सौंप दिया जीवन का

बिन योग साधना के बंदे मुक्ति का रास्ता मिलता ना। उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।

यह अमर आत्मा बतलाई, बस रुप बदलती रहती है यह लख 84 भोग रही पर मौतें दुख सुख सहती है।यह अमर आत्मा बतलाई, बस रुप बदलती रहती है। यह लख 84 भोग रही पर मौतें दुख सुख सहती है। यह सारी दुनिया कहती है माली बिन उपवन खिलता ना।उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।

कभी पशु पखेरू कीट पतंगा बनकर मुक्ति पाई ना। लिया कितनी बार जन्म तूने पर सच्ची करी कमाई ना।कभी पशु पखेरू कीट पतंगा बनकर मुक्ति पाई ना। लिया कितनी बार जन्म तूने पर सच्ची करी कमाई ना। ईश्वर से प्रीत लगाई ना वहां खोटा सिक्का चलता ना।उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।

तेरी मंजिल क्या तू भटक रहा, मोह माया में भरमाया है। बड़ी दया मेहर करके रब ने ,तुझको मानुष बनाया है।तेरी मंजिल क्या तू भटक रहा, मोह माया में भरमाया है। बड़ी दया मेहर करके रब ने ,तुझको मानुष बनाया है। वह कण कण बीच समाया है, जीने जब तल मिले सफलता ना।उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।

तेरी नश्वर काया मीट जागी, तू डगर पकड़ ले भक्ति की।गवान चंद्र र गौर बावले उस अलौकिक शक्ति की।तेरी नश्वर काया मीट जागी, तू डगर पकड़ ले भक्ति की।भगवान चंद्र कर गौर बावले उस अलौकिक शक्ति की। उस तरुण भावना मुक्ति की, वह कभी रैयत में रुलता ना।उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।

बिन योग साधना के बंदे मुक्ति का रास्ता मिलता ना। उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।उस परमेश्वर की मर्जी के बिन पत्ता तक भी हिलता ना।

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