सतगुरु दाता ने पूंजी रे दीनी, भिंत भरम की फूटी रे।सतगुरु दाता ने पूंजी रे दीनी, भिंत भरम की फूटी रे।भिंत भरम की फूटी रे हद बेहद का मारग बांका,अरे सह सूरत वाली खूंटी है जी।
अरे खबर करो निर्गुण की संतो, खबर करो निर्गुण की रे साधो।खबर करो निर्गुण की है जी ओ।अरे खबर करो निर्गुण की संतो, खबर करो निर्गुण की रे साधो।खबर करो निर्गुण की है जी ओ।
अरे अजर अमर एक पेड़ अनोखा, जा में अमृत कुटी रे।अरे अजर अमर एक पेड़ अनोखा, जा में अमृत कुटी रे। खेत बिना कछु हाथ ना आवे, अरे सतगुरु संता ने लूटी है जि ओ।
अरे खबर करो निर्गुण की रे साधु,अरे खबर करो निर्गुण की रे,अरे खबर करो निर्गुण की रे,अरे खबर करो निर्गुण की रे संतो,अरे खबर करो निर्गुण की ओ जी।
अरे जाए मंदिरिया में झालर कुटे, अरे कई थारी माईला की फूटी रे।अरे जाए मंदिरिया में झालर कुटे, काई हिवड़ा की थारी फूटी रे। मूरत से तू मुक्ति रे मांगे, आशा थारी झूठी है जि ओ।
अरे खबर करो निर्गुण की संतो, खबर करो निर्गुण की रे साधो।खबर करो निर्गुण की है जी ओ।
अरे गाया कथा ने कोई मत गाओ, हेरो वस्तु अनोखी रे।निर्गुण का एक पेड़ अनोखा, अरे सिरगुण पतरा झूठी है जि ओ।
अरे खबर करो निर्गुण की संतो, खबर करो निर्गुण की रे साधो।खबर करो निर्गुण की है जी ओ।
अरे खबर करो निर्गुण की संतो, खबर करो निर्गुण की रे साधो।खबर करो निर्गुण की है जी ओ।