तर्ज, तेरी मेरी एक जिंदड़ी
कौन सा मंत्र जपूं मैं भगवान, तुम धरती पर आओ।दुविधा भारी आन पड़ी है, आकर इसे उठाओ।के एक वारी आओ प्रभु, के दरश दिखाओ प्रभु।
कहीं तो बेबस बिलख रहे हैं, कहीं तो तड़प रहे,
कहीं तो सांसो की गिनती में लाखों भटक रहे,
बंद है तेरे सब दरवाज़े कैसे तुझे मनाएँ।
कितनों को कांधे ना मिल रहे, क्या क्या तुझे बताएं,के एक बारी आओ प्रभु, के दरश दिखाओ प्रभु।
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा गिरिजा घर होकर आए।
तेरे बिन अब कौन सहारा, कुछ भी समझ ना आये।हर चोंखट पर माथा टेका कहीं तो तू मिल जाये।कौन सा मंत्र जपूं मैं भगवान, तुम धरती पर आओ।दुविधा भारी आन पड़ी है, आकर इसे उठाओ।के एक वारी आओ प्रभु, के दरश दिखाओ प्रभु।
एक बेटा सरहद को संभाले दूजा जान बचाये। कर्तव्यों की राह पर देखो बेटी कदम मिलाए।एक बेटा सरहद को संभाले दूजा जान बचाये। कर्तव्यों की राह पर देखो बेटी कदम मिलाए। हर योद्धा में तू है समाया सब है तेरे सिपाही।स्वस्ति तेरी उंगली थामे दो नैनों से लड़ जाए। तेरी जय हो प्रभु,तेरी जय हो प्रभु,तेरी जय हो प्रभु,तेरी जय हो प्रभु,
कौन सा मंत्र जपूं मैं भगवान, तुम धरती पर आओ।दुविधा भारी आन पड़ी है, आकर इसे उठाओ।के एक वारी आओ प्रभु, के दरश दिखाओ प्रभु।