राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में। वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।
चैत महीने चली रे गवरजा कर सोलह सिंगार जी। कुं कुं वरण्यो ओढ़ पोमचो निकला राजकुमार जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
वैशाखा बड सीचन जाति आखा तीज कुमार जी। पीपल सीचयां हरि मिले तो एक पंथ दो काज जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
जेठ महीने तपे रे तावडो पड़े आकरी धूप जी।ओल्यूं कर कर पालो पड़ गयो कुंकुं वर्नो रूप जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
आषाढ़ महीने इंदर गरजे चहूं दिशा चमके बिजली। रिमझिम करती बेला री चड़गी और सखी संग बिजली।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
सावन महीने करती जो सहेलियां हिंडो हिंडन चाल ये। आप सांवरिया हिंडो हिलावे गावे राग मल्हार जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
भादुडे में भली करे जी नगरी चमके बिजली।आप सांवरियो धरा रे कोनी फिरंगी नाचे बिचली।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
आशोजा में आयो दसराहो रावण मांरण जायसी। रावण मार राम घर आया घर घर बटे बधाई जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
कार्तिक महीने कवर कांनजी गिंडी खेलन जाए जी। गिंडी जल जमुना में पड़ गई नाग नाथ घर आय जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
मंगसिर महीने ठंडी रे चाले मीठा बोले मोर जी। आप सांवरियो द्वारका बसाई पुन्य जनम की मेहर जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
पोह महीने शरद पड़े रामा थरथर कांपे गात जी। जोगन बन कर बन बन डोलू कटे मिले मेरे श्याम जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
माघ महीने बसंत पंचमी नई-नई कोपले आए जी। पांचू के दिन ऋतु रे बदले थोड़ी थोड़ी गर्मी आए जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
फागन महीने कंवर कान जी होली खेलन आय जी। मदरा मदरा चंग बाजे भर पिचकारी मारे जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।
बारहमासा सुने जीका का लख चौरासी कट जाए जी। आप सांवरियो साग जावे अमरापुर ले जावे जी।राम मिलया मोहन कद आसी मथुरा नगरी शहर में।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।वृंदावन की कुंज गली में कौन रचावे रास जी।