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विविध भजन

saanp ri bambi mein dera the liya hariram ji,सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।

सांप री बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।

सांप री बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी। मैं थाने सिमरु जोशी जी महाराज, मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।

जठौडे तो बाजा थारा बाजिया हरिराम जी।जठौडे तो बाजा थारा बाजिया हरिराम जी।जठौडे तो पूरया ओ निशान ओ महाराज,मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।मैं थाने सिमरु जोशी जी महाराज, मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।

सालासर में बाजा थारा बाजिया हरिराम जी।सालासर में बाजा थारा बाजिया हरिराम जी। झोरडे में पूरे और निशान ओ महाराज,मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।मैं थाने सिमरु जोशी जी महाराज, मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।

धोरा वाली धरती में देवरो हरिराम जी।धोरा वाली धरती में देवरो हरिराम जी। ध्वजा रे फरुके आसमान ओ महाराज,मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।मैं थाने सिमरु जोशी जी महाराज, मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।

कटे तो जोयो थारो देवरो हरिराम जी। दिवला जगे सारे साल ओ महाराज,मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।मैं थाने सिमरु जोशी जी महाराज, मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।

पुत्र तो मांगे थासु बांझड़ी हरिराम जी।पुत्र तो मांगे थासु बांझड़ी हरिराम जी। अन् धन बाबुडा री माय ओ महाराज,,मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।मैं थाने सिमरु जोशी जी महाराज, मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।

चढ़त चढ़ावे थारे शेरनी हरिराम जी। धोलती भैंस रो दूध और महाराज,,मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।मैं थाने सिमरु जोशी जी महाराज, मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।

मैं थारी गांवा छावली हरिराम जी।मैं थारी गांवा छावली हरिराम जी। थे मारी रखो रिछपाल ओ महाराज,,मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।सांप की बांबी में डेरा थे लिया हरिराम जी।मैं थाने सिमरु जोशी जी महाराज, मैं थाने सिमरु हरिराम जी देवा।

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