करो म्हारा जिवड़ा एकादशी, सियाराम जी बिना मुक्ति कसी।करो म्हारा जिवड़ा एकादशी, सियाराम जी बिना मुक्ति कसी।करो म्हारा जिवड़ा एकादशी,
दशमी के दिन एकटक करती, ग्यारस करती उपासी ओ राम।
बारस के दिन खोलियो पालनो, साधू ऐं नोत जिमाती ओ राम।करो म्हारा जिवड़ा एकादशी, सियाराम जी बिना मुक्ति कसी।
करो म्हारा जिवड़ा एकादशी,
चरणामृत को नेम हमारो, नितमंदिर में जाती ओ राम।तता-2 फुलक्या करती, साधू एं जा-जाकर मेलती ओ राम।करो म्हारा जिवड़ा एकादशी, सियाराम जी बिना मुक्ति कसी।
करो म्हारा जिवड़ा एकादशी,
इन्द्रासन से आई रे पालकी, बहू बैकुण्ठ चली ओ राम। डगमग-डगमग कई देखो सासूजी, करनी पार उतरती ओ राम।करो म्हारा जिवड़ा एकादशी, सियाराम जी बिना मुक्ति कसी।
करो म्हारा जिवड़ा एकादशी,
करो म्हारा जिवड़ा एकादशी, सियाराम जी बिना मुक्ति कसी।करो म्हारा जिवड़ा एकादशी, सियाराम जी बिना मुक्ति कसी।करो म्हारा जिवड़ा एकादशी,