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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Bhole ki dhun by shekhar jaiswal,भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग,shiv bhajan

भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग,

मलंग मलंग, मलंग मलंग, मलंग मलंग,मलंग मलंग, मलंग मलंग, मलंग मलंग


भोले की धुन में होके नाचूँ मलंगभोले की धुन में होके नाचूँ मलंग,चढ़ने लगा है मुझे चढ़ने लगा है,चढ़ने लगा है मुझे भोले का रंग,
भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग।भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग,



कोई नीलकंठ जटाधारी भोले,कोई नीलकंठ जटाधारी भोले,कोई भोले कैलाशीकोई नीलकंठ जटाधारी भोले,कोई नीलकंठ जटाधारी भोले,कोई भोले कैलाशी।
मस्त मलंग वो अपनी धुन के पर्वत के वासी,
पीते है विष भोले पीते है भंग,
चढ़ने लगा है मुझे बोले का रंग,
भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग,भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग,



झूम रहा सारा कैलाश,भोले जी की मस्ती में,झूम रहा सारा कैलाश,भोले जी की मस्ती मेंभोले जी की मस्ती में,भोले जी की मस्ती में,भोले जी की मस्ती में,झूम रहा सारा कैलाश,भोले जी की मस्ती में,


हाथ मे डमरू डम डम बजे,गले मे सर्प की माला हैऐसा दण्डव करते भोले,तीसरी आंख में ज्वाला हैहाथ मे डमरू डम डम बजे,गले मे सर्प की माला है।ऐसा दण्डव करते भोले,तीसरी आंख में ज्वाला है।
जटा में गंगा तेरे गौरा है संग,
चढ़ने लगा है मुझे भोले का रंग,
भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग,भोले की धुन में होके नाचूँ मलंगचढ़ने लगा है मुझे चढ़ने लगा है,चढ़ने लगा है मुझे भोले का रंग,
भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग।भोले की धुन में होके नाचूँ मलंग,

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